
एक्सिस कॉलेज के प्रोफेसर आर्किटेक्ट श्रेष्ठ सैगल ने किया मंदिर का
एक्सिस कॉलेज के प्रोफेसर आर्किटेक्ट श्रेष्ठ सैगल ने किया मंदिर का नवीनीकरणकानपुर। एक्सिस कॉलेज, आर्किटेक्चर विभाग के वरिष्ठ प्रोफेसर और विख्यात आर्किटेक्ट श्रेष्ठ सैगल ने हाल ही में शहर के एक ऐतिहासिक मंदिर का सफल नवीनीकरण कार्य पूरा किया है। इस परियोजना को स्थानीय समाज और श्रद्धालुओं द्वारा सराहा जा रहा है, क्योंकि इससे मंदिर की पारंपरिक गरिमा के साथ-साथ उसकी संरचनात्मक मजबूती भी बढ़ी है।जानकारी के अनुसार, यह मंदिर लगभग 150 वर्ष पुराना है और समय के साथ इसकी दीवारों, छत तथा आंतरिक सज्जा में क्षरण हो गया था। स्थानीय समिति ने इसके संरक्षण के लिए प्रो. सैगल से संपर्क किया। उन्होंने न केवल मंदिर की मूल स्थापत्य शैली को बनाए रखते हुए नवीनीकरण की योजना बनाई, बल्कि आधुनिक तकनीकों का भी समुचित उपयोग किया, जिससे संरचना लंबे समय तक सुरक्षित रह सके।नवीनीकरण कार्य में मंदिर के शिखर की पुनः पॉलिशिंग, पत्थर की जर्जर नक्काशी की मरम्मत, फर्श का पुनर्निर्माण और आंतरिक दीवारों की पारंपरिक चित्रकारी का पुनर्स्थापन शामिल था। इसके अलावा, श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए मंदिर परिसर में जल प्रबंधन प्रणाली, ऊर्जा-संरक्षण वाली रोशनी और दिव्यांगजनों के लिए रैंप की व्यवस्था भी की गई।प्रो. सैगल ने बताया कि इस परियोजना का उद्देश्य केवल एक धार्मिक स्थल का जीर्णोद्धार करना नहीं था, बल्कि आने वाली पीढ़ियों को हमारी सांस्कृतिक धरोहर से जोड़ना भी था। उन्होंने कहा, “किसी भी विरासत स्थल का संरक्षण तभी सार्थक होता है जब उसकी आत्मा को जिंदा रखते हुए आधुनिक आवश्यकताओं को शामिल किया जाए।”स्थानीय नागरिकों और समिति के सदस्यों ने प्रो. सैगल के प्रयासों की प्रशंसा करते हुए कहा कि उनका काम न केवल वास्तुकला के क्षेत्र में उदाहरण प्रस्तुत करता है, बल्कि सामाजिक जिम्मेदारी की मिसाल भी है। इस नवीनीकरण के बाद मंदिर का स्वरूप और भी भव्य और आकर्षक हो गया है, जिससे श्रद्धालुओं की संख्या में भी वृद्धि हुई है।

