एक्सिस आर्किटेक्चर के तृतीय वर्ष के छात्रों ने शॉपिंग मॉल डिजाइनिंग

एक्सिस आर्किटेक्चर के तृतीय वर्ष के छात्रों ने शॉपिंग मॉल डिजाइनिंग

एक्सिस इंस्टीट्यूट ऑफ आर्किटेक्चर के तृतीय वर्ष के छात्रों ने शॉपिंग मॉल डिजाइनिंग की शुरुआत की

कानपुर।

एक्सिस इंस्टीट्यूट ऑफ आर्किटेक्चर के तृतीय वर्ष के छात्रों ने अपने शैक्षणिक प्रोजेक्ट के अंतर्गत शॉपिंग मॉल डिजाइनिंग की प्रक्रिया की शुरुआत की है।

यह प्रोजेक्ट उनके पाठ्यक्रम का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है, जिसमें छात्र डिजाइन के विकास (Evolution of Designing) पर गहराई से कार्य कर रहे हैं।

वर्तमान चरण में वे लिटरेचर स्टडी के अंतर्गत राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय स्तर के शॉपिंग कॉम्प्लेक्स का अध्ययन कर रहे हैं।

विद्यार्थियों ने भारत के प्रमुख शॉपिंग मॉल्स जैसे सेलेक्ट सिटी वॉक (दिल्ली), फीनिक्स मार्केट सिटी (मुंबई) और लुलु मॉल (कोच्चि) का विश्लेषण किया।

साथ ही अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर दुबई मॉल (यूएई), वेस्टफील्ड लंदन (यूके) और विवोसिटी (सिंगापुर) जैसे प्रतिष्ठित शॉपिंग कॉम्प्लेक्स का अध्ययन किया।

इस अध्ययन का उद्देश्य स्पेस प्लानिंग, सेवाओं (Services), डिजाइन योजनाओं (Planning Schemes), भीड़ प्रबंधन, सुविधाओं और वास्तुशिल्प शैली की गहन समझ विकसित करना है।

छात्रों ने अपने इंटर्नल डिज़ाइन फैकल्टी Ar. सना मलिक के साथ इस अध्ययन और प्रारंभिक निष्कर्षों पर विस्तृत चर्चा की।

उन्होंने छात्रों को मार्गदर्शन देते हुए कहा कि “आज के समय में शॉपिंग मॉल केवल खरीदारी का स्थान नहीं रह गया है, बल्कि यह सामाजिक और सांस्कृतिक गतिविधियों का भी केंद्र बन चुका है।

ऐसे में डिजाइनिंग में आधुनिक तकनीक, स्थायित्व (sustainability) और उपयोगकर्ता अनुभव (user experience) को विशेष महत्व देना चाहिए।”

फैकल्टी सदस्यों का कहना है कि इस तरह के प्रोजेक्ट विद्यार्थियों के लिए बेहद उपयोगी होते हैं, क्योंकि ये उन्हें वास्तविक जीवन की जटिलताओं से रूबरू कराते हैं।

छात्र इस समय विभिन्न केस स्टडी, डेटा कलेक्शन और स्केच प्रेजेंटेशन के माध्यम से अपने विचारों को आकार दे रहे हैं।

संस्थान के अनुसार आने वाले समय में विद्यार्थी अपने डिजाइन कॉन्सेप्ट विकसित करेंगे और सेवाओं व योजनाओं को अंतिम रूप देंगे।

इसके बाद वे मॉडल्स और ड्रॉइंग्स के माध्यम से अपने प्रोजेक्ट का प्रस्तुतीकरण करेंगे।

इस पहल का उद्देश्य छात्रों को व्यावहारिक अनुभव प्रदान करना है ताकि वे भविष्य में समाज और उद्योग की जरूरतों को ध्यान में रखते हुए सशक्त और रचनात्मक आर्किटेक्ट बन सकें।