
एक्सिस इंस्टीट्यूट ऑफ आर्किटेक्चर के पाँचवे वर्ष के छात्रों ने थिसिस
यह समय विद्यार्थियों के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है क्योंकि यहीं से उनके पेशेवर जीवन की नींव मजबूत होती है।
विद्यार्थियों ने अपने-अपने थिसिस विषयों का चयन कर उन्हें अंतिम रूप देना शुरू कर दिया है।
इसके अंतर्गत वे अपने गाइड्स की देखरेख में विषय की परिचयात्मक रूपरेखा (Introduction of Topic) तैयार कर रहे हैं।
इस प्रक्रिया में विद्यार्थियों को न केवल अपने विषय की प्रासंगिकता और महत्व पर शोध करना है बल्कि समाज, पर्यावरण और आर्किटेक्चरल दृष्टिकोण से उसकी उपयोगिता को भी सिद्ध करना है।
सिनॉप्सिस निर्माण की यह प्रक्रिया छात्रों को रिसर्च पद्धति, समस्या की पहचान, उद्देश्यों के निर्धारण और कार्य-सीमा तय करने जैसे महत्वपूर्ण पहलुओं से परिचित कराती है। गाइड्स लगातार विद्यार्थियों को मार्गदर्शन देते हुए उन्हें यह सिखा रहे हैं कि किस प्रकार शोध आधारित दृष्टिकोण से अपने विचारों को स्पष्ट और प्रभावी तरीके से प्रस्तुत किया जाए।
संस्थान की मान्यता है कि इस प्रकार की गतिविधियाँ विद्यार्थियों में विश्लेषणात्मक सोच और आर्किटेक्चरल सेंसिबिलिटी को विकसित करती हैं। थिसिस विषय का चयन और उसकी प्रस्तावना विद्यार्थियों के आने वाले कैरियर की दिशा तय करती है, इसलिए यह प्रक्रिया अत्यधिक जिम्मेदारी और समर्पण से की जा रही है।
संस्थान के निदेशक मंडल और फैकल्टी ने भी छात्रों को प्रेरित करते हुए कहा कि यह समय उनके लिए सीखने और रचनात्मकता को वास्तविक परियोजनाओं से जोड़ने का है। इस अभ्यास के माध्यम से विद्यार्थी न केवल अपनी शैक्षणिक उपलब्धियों को मजबूत करेंगे बल्कि समाज में आर्किटेक्चर के नए आयाम प्रस्तुत करने में भी सक्षम होंगे।