
एक्सिस इंस्टीट्यूट ऑफ आर्किटेक्चर के प्रथम वर्ष के छात्रों को निर्माण पद्धति और ईंट
एक्सिस इंस्टीट्यूट ऑफ आर्किटेक्चर के प्रथम वर्ष के छात्रों को निर्माण पद्धति और ईंट की मूलभूत जानकारी से कराया गया अवगत
कानपुर। एक्सिस इंस्टीट्यूट ऑफ आर्किटेक्चर में शिक्षा का उद्देश्य केवल सैद्धांतिक ज्ञान तक सीमित नहीं है, बल्कि छात्रों को व्यावहारिक जानकारी और तकनीकी समझ प्रदान करना भी है।
इसी दिशा में प्रथम वर्ष के विद्यार्थियों के लिए एक विशेष शैक्षिक गतिविधि आयोजित की गई, जिसमें उन्हें निर्माण पद्धति के मूल सिद्धांतों, भवन निर्माण में प्रयुक्त सामग्रियों, ईंट के आयाम, प्रकार तथा ईंट लगाने की तकनीक के बारे में विस्तारपूर्वक जानकारी दी गई।
कार्यशाला के दौरान आर्किटेक्चर विभाग के प्राध्यापकों ने छात्रों को यह समझाया कि भवन निर्माण की शुरुआत सबसे बुनियादी इकाई ईंट से होती है।
छात्रों को विभिन्न प्रकार की ईंटों जैसे फ्लाई ऐश ब्रिक, क्ले ब्रिक, और इंजीनियर्ड ब्रिक की विशेषताओं एवं उनके उपयोग क्षेत्रों से अवगत कराया गया।
सिर्फ सैद्धांतिक जानकारी ही नहीं, बल्कि प्रायोगिक सत्र भी आयोजित किया गया, जिसमें विद्यार्थियों को ईंटों की सतह पहचानना, जोड़ तकनीक (मॉर्टार का सही उपयोग) और ईंटों को बिछाने की बुनियादी विधियां जैसे फ्लेमिंग बॉन्ड, इंग्लिश बॉन्ड आदि का प्रदर्शन किया गया।
इससे छात्रों को न केवल ईंटों की संरचनात्मक क्षमता का अंदाज़ा हुआ, बल्कि यह भी समझ में आया कि सही तकनीक अपनाने से निर्माण की गुणवत्ता और आयु दोनों बढ़ती हैं।


इस अवसर पर संस्थान के वरिष्ठ अध्यापकों ने कहा कि आर्किटेक्चर के विद्यार्थी तभी उत्कृष्ट डिज़ाइन बना सकते हैं जब उन्हें निर्माण तकनीक और सामग्रियों का मूलभूत ज्ञान हो। यह परिचयात्मक सत्र छात्रों के लिए उनके आगामी शैक्षणिक वर्षों और प्रोजेक्ट्स की ठोस नींव साबित होगा।
छात्रों ने भी इस अनुभव को अत्यंत उपयोगी बताया और कहा कि कक्षा के बाहर इस प्रकार की जानकारी से उन्हें आर्किटेक्चर के व्यावहारिक पक्ष को समझने में मदद मिल रही है।
इस प्रकार, एक्सिस इंस्टीट्यूट ऑफ आर्किटेक्चर ने एक बार फिर यह सिद्ध किया है कि यहां शिक्षा केवल पुस्तकों तक सीमित नहीं है, बल्कि निर्माण और डिज़ाइन की वास्तविक दुनिया से जोड़कर दी जाती है।