एक्सिस इंस्टीट्यूट ऑफ आर्किटेक्चर में प्रथम वर्ष के छात्रों को आर्किटेक्चरल

एक्सिस इंस्टीट्यूट ऑफ आर्किटेक्चर में प्रथम वर्ष के छात्रों को आर्किटेक्चरल

एक्सिस इंस्टीट्यूट ऑफ आर्किटेक्चर में प्रथम वर्ष के छात्रों को आर्किटेक्चरल ड्राइंग का परिचय

कानपुर स्थित एक्सिस इंस्टीट्यूट ऑफ आर्किटेक्चर में प्रथम वर्ष के छात्रों के लिए शैक्षणिक गतिविधियों का सिलसिला लगातार चल रहा है।

इसी क्रम में छात्रों को आर्किटेक्चरल ड्राइंग से परिचित कराने हेतु एक विशेष सत्र आयोजित किया गया।

यह सत्र संस्थान के ही प्रख्यात संकाय सदस्य अर. राजदीप यादव द्वारा लिया गया, जिसमें छात्रों को आर्किटेक्चर की बुनियादी समझ और तकनीकी पहलुओं से अवगत कराया गया।

इस सत्र में छात्रों को आर्किटेक्चरल ड्राइंग के महत्व के बारे में विस्तार से बताया गया। उन्हें समझाया गया कि किसी भी वास्तुकला डिज़ाइन की पहली कड़ी उसका सही चित्रण होता है।

सत्र में छात्रों को कोणों (angles), धारणा (perception), दृष्टिकोण (perspectives), विभिन्न तकनीकों की ड्रॉइंग, वक्र रेखाएँ (curves) और अन्य बुनियादी सिद्धांतों की जानकारी दी गई।

अर. राजदीप यादव ने छात्रों को यह समझाने का प्रयास किया कि किस प्रकार सही रेखांकन से किसी भी डिज़ाइन की नींव मजबूत होती है।

उन्होंने कहा कि शुरुआती दौर में छात्रों को जितनी अधिक बारीकी से मूल बातें समझाई जाएंगी, उनका आने वाला शैक्षणिक और व्यावहारिक सफर उतना ही सरल और सफल होगा।

सत्र के दौरान छात्रों ने उत्साहपूर्वक भाग लिया और अपनी जिज्ञासाओं को साझा किया।

उन्हें समझाया गया कि आर्किटेक्चरल ड्राइंग केवल तकनीकी कार्य नहीं है, बल्कि यह कल्पना, दृष्टिकोण और कलात्मकता का संगम है।

साथ ही उन्हें यह भी बताया गया कि भविष्य में बड़े डिज़ाइन प्रोजेक्ट्स को समझने और प्रस्तुत करने के लिए इन बुनियादी ड्रॉइंग तकनीकों में निपुणता बेहद आवश्यक है।

कार्यक्रम का उद्देश्य छात्रों की समझ को स्पष्ट करना, उनकी धारणा को विकसित करना और उन्हें भविष्य के लिए सशक्त बनाना था।

संस्थान का मानना है कि प्रथम वर्ष से ही यदि छात्रों को व्यवस्थित और विस्तृत ज्ञान प्रदान किया जाए तो वे आने वाले वर्षों में और भी रचनात्मक और तकनीकी रूप से सक्षम वास्तुकार बन सकते हैं।